पानी संवारेगा गांव की तकदीर

अरविंद शर्मा

सीकर. उम्मीदें और प्रयास रंग लाए तो पानी गांवों की तकदीर बदलने में काफी मददगार साबित होगा और नीम का थाना क्षेत्र हरियाली की चादर ओढ़ लेगा। लोगों को दूसरे गांवों में पानी के लिए मारे-मारे फिरना नहीं पड़ेगा।
इस सपने को साकार करने के लिए सिंचाई विभाग ने खास प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट के तहत पहाड़ से बहते पानी को इकट्ठा करके लोगों की प्यास बुझाने और सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने जल चेतना की अलख जगाने के लिए अभियान चलाने से लेकर कम पानी की फसलों पर बल देने के लिए जनजागति कार्यक्रम को भी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया है।
इस सपने को साकार करने की शुरूआत रामसिंह की ढाणी के पहाड़ों से होगी। इस पूरी कवायद पर लाखों रुपए खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के लक्ष्य हासिल करने के लिए सिंचाई विभाग की टीम ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। हालांकि कुछ मुश्किल सामने आएगी, लेकिन उनसे भी निबटने की प्लानिंग की जा रही है। इससे सूखे कुएं पानी से लबालब हो जाएंगे। विभाग के मुताबिक हर साल औसत से भी कम होती बरसात के कारण कुएं सूखते जा रहे हैं। जिस कारण पेयजल के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डब्ल्यूएचएस के तहत सूखे कुओं को रिचार्ज करने के लिए स्वीकर बनाए जाएंगे। इनसे बरसात का पानी इकट्ठा किया जाएगा। जिसके आधार पर सूखे कुएं पानी उगलने लगेंगे। कुओं में पानी आने के बाद नीमकाथाना क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इस पानी को सिंचाई के साथ-साथ अन्य उपयोग में लिया जा सकेगा। इससे पेयजल की किल्लत भी दूर हो जाएगी।
जल चेतना की अलख
सिंचाई विभाग नीमकाथाना क्षेत्र में जल चेतना अभियान चलाएगा। अभियान को बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए विभाग ने एक खास प्रोजेक्ट बनाया है, ताकि क्षेत्र में लोगों को पानी के लिए दूसरे गांवों की ओर भटकना नहीं पड़े। इसके अलावा किसानों को कम पानी की फसलें पैदा करने के लिए भी जागरूक किया जाएगा। विभाग के अनुसार क्षेत्र में औसत 531 एमएम बरसात होनी चाहिए, लेकिन 100 से 150 एमएम बरसात ही हो पा रही है। इसे ही ध्यान में रखते हुए जल चेतना अभियान व कम पानी की फसल बोने के लिए जन जागरण कार्यक्रम चलाने की रणनीति बनाई।
31 कुएं होंगे लबालब
रामसिंह की ढाणी के 31 कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं। यहां बरसात के दिनों में रामसिंह ढाणी के पहाड़ से आने वाले पानी को स्वीकर बनाकर एकत्रित किया जाएगा। जिसके बाद कुओं की रिचार्जिग की जाएगी।
सर्वे का काम पूरा
पानी से गांव की तस्वीर बदलने की योजना के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट के बाद ही अभियान का पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। नीमकाथाना क्षेत्र के हालात सर्वे में खराब पाए गए थे। क्षेत्र के 32 कुओं में से 31 कुएं सूखे पड़े हैं। पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। वहीं सिंचाई के लिए किसानों को बरसात पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
* क्षेत्र में 31 कुएं सूख चुके हैं। ऐसे में पानी का संकट खड़ा हो गया है। इसे दूर करने के लिए विभाग ने यह खास प्रोजेक्ट तैयार किया है। किसानों व आम लोगों को पूरा लाभ मिलेगा।
- हनुमान सिंह महला, एक्सईएन, सिंचाई विभाग

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